*फर्जी दस्तावेजों से पाई नौकरी, मुख्य आरक्षी के खिलाफ केस दर्ज*
*बहराइच।* उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी हासिल करने का मामला सामने आया है। जिले के पयागपुर थाने में तैनात मुख्य आरक्षी रत्नेश पांडेय के खिलाफ जालसाजी और फर्जीवाड़े का केस दर्ज किया गया है। यह कार्रवाई अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) गोरखपुर के आदेश पर की गई है।
देवरिया जिले के लार खरदहा घनश्याम बभनौली पांडेय निवासी संजय पांडेय ने वर्ष 2023 में एडीजी जोन को पत्र भेजकर शिकायत की थी कि मुख्य आरक्षी रत्नेश पांडेय ने फर्जी शैक्षणिक दस्तावेजों के आधार पर वर्ष 2006 में यूपी पुलिस में सिपाही के पद पर भर्ती हासिल की थी। उन्होंने इस मामले की शिकायत बहराइच एसपी से भी की थी, लेकिन कार्रवाई के बजाय उन्हें गुमराह करने का प्रयास किया गया।
*जन्मतिथि में हेरफेर का आरोप*
शिकायतकर्ता का आरोप है कि रत्नेश पांडेय की वास्तविक हाईस्कूल मार्कशीट के अनुसार उनकी जन्मतिथि 8 अगस्त 1976 दर्ज है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि वह तय आयु सीमा के तहत पुलिस भर्ती के योग्य नहीं थे। आरोप है कि उन्होंने दोबारा हाईस्कूल की परीक्षा दी और जन्मतिथि में हेरफेर कर नौकरी प्राप्त कर ली।
*पुलिस ने दर्ज किया मामला*
पयागपुर पुलिस ने मुख्य आरक्षी रत्नेश पांडेय के खिलाफ फर्जी दस्तावेज तैयार करने और धोखाधड़ी करने के आरोप में संबंधित धाराओं में केस दर्ज कर लिया है।
एएसपी ग्रामीण रामानंद कुशवाहा ने बताया कि मामले की जांच के लिए एक विशेष टीम गठित की गई है। जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसी आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
अब जांच टीम यह पता लगाएगी कि रत्नेश पांडेय ने दस्तावेजों में हेरफेर कर नौकरी हासिल करने के लिए किन तरीकों का इस्तेमाल किया और क्या इसमें अन्य अधिकारियों या कर्मचारियों की संलिप्तता थी। अगर आरोप सही पाए जाते हैं, तो रत्नेश पांडेय के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है, जिसमें नौकरी से बर्खास्तगी भी शामिल हो सकती है।
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