इससे प्रति लाइट पर करीब 200 रुपये का अधिक खर्च आ जाता है। इसके बाद भी स्ट्रीट लाइट 1200 से 1300 रुपये की लागत में लग जाती है। जबकि ब्लॉक से इन्हीं लाइटों का भुगतान करीब 3800 रुपये प्रति लाइट के हिसाब से किया गया है। एडीओ पंचायत राम आसरे के मुताबिक, गर्री, लैन, अनूपगंज, बुधेड़ा, केसरीपुर, तिवारीपुरवा समेत 15 ग्राम पंचायतों में एलईडी स्ट्रीट लाइटें लगवाई जा चुकी हैं। प्रति लाइट की कीमत करीब 3800 रुपये है। संवाद
सूरतगंज में 3950 रुपये में लगी लाइट
सूरतगंज ब्लॉक की ग्राम पंचायतों में भी स्ट्रीट लाइट खरीद में जमकर घोटाला हुआ है। यहां की ग्राम पंचायत में ओरिएंट कंपनी की 100 स्ट्रीट लाइट बिजली के खंभों पर लगवाई गई हैं। ब्लॉक के अफसरों ने ग्राम प्रधान से सांठगांठ कर 3950 रुपये प्रति लाइट के हिसाब से 3.95 लाख रुपये भुगतान किया है। यह डाटा ई स्वराज पोर्टल पर भी दिखाया जा रहा है। यही नहीं सेंसर लाइटें लगनी थी। लेकिन बिजली खंभों पर जो स्ट्रीट लाइटें लगवाई गई हैं, वह दिन में भी जलती रहती हैं।
2015 में स्ट्रीट लाइट पर लगी थी रोक
ग्राम पंचायतों में आबादी व संपर्क मार्गों पर एलईडी स्ट्रीट लाइट लगाने का काम सात साल बाद फिर से शुरू हुआ है। इससे पहले 2015 में स्ट्रीट लाइट लगवाने के नाम पर धांधली सामने आई थी। 31 जुलाई 2015 को शासनादेश जारी कर ग्राम पंचायतों को स्ट्रीट लाइट लगाने पर रोक लगा दी गई थी।
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