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कतर्नियाघाट इको पर्यटन स्थल पर संपन्न की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस। मिहींपुरवा/बहराइच- प्रभागीय वना

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 खास रिपोर्ट अरुण कुमार

कतर्नियाघाट इको पर्यटन स्थल पर संपन्न की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस।*

मिहींपुरवा/बहराइच

प्रभागीय वन अधिकारी कतर्नियाघाट एवं फील्ड डायरेक्टर दुधवा टाइगर रिजर्व के द्वारा कतर्नियाघाट ईको पर्यटन स्थल पर किया गया प्रेस कॉन्फ्रेंस। क्षेत्रीय ग्रामीणों, जनप्रतिनिधियों तथा संभ्रांत व गणमान्य व्यक्तियों के बीच वन्य जीव संरक्षण के सुझाए गए टिप्स,,
वनांचल व वन से सटे ग्रामीणों को जागरूक करने के उद्देश्य से संपन्न हुई बैठक।वनप्राणियों के सरंक्षण हेतु शासन द्वारा चलाए जा रहे अभियान अंतर्गत वन्य जीव संरक्षण अति आवश्यक,, पर्यावरण सरंक्षण मे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं वन्यजीव,,  सभी छोटे-बड़े जीवो से संपन्न होता है प्राकृतिक भोजन चक्र,, वन्य जीव संरक्षण से ही बचेगी वन संपदा अन्यथा एक समय ऐसा आएगा जब तरसेंगें लोग प्राणवायु के लिए।मानव ने अपनी सुविधा के लिए रेल व सड़कें जंगल में हो करके बनाई किंतु वन्यजीवों के लिए क्या किया गया? हमें वन्यजीवों की आवश्यकता व सुरक्षा के बारे में भी सोचना चाहिए,, यदि हम सचेत व जागरूक रहें और वन्यजीवों को ना छेड़े तो वह हमारा नुकसान नहीं करेंगे -संजय शुक्ल।
दुधवा टाइगर रिजर्व अंतर्गत कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग एवं बफर जोन प्रभाग की सीमा पर स्थित खैरटिया गांव में दिनांक 17 जून 2022 की रात्रि में हुई जनहानि की घटना में एक बाघ/बाघिन द्वारा बाबा कुटिया खैरटिया के पास मोहन दास नामक एक व्यक्ति को मार दिया गया था एवं उनके शरीर के भाग को लगभग पूर्णतया खा लिया गया था उक्त घटना के पश्चात तत्काल प्रश्नगत बाघ बाघिन को पकड़ने का अभियान चलाया गया। दिनांक 18 जून 2022 को ही हाथियों के माध्यम से निगरानी आरंभ कर दी गई 19 जून से पशु चिकित्सकों के दो दल तैनात किए गए जिनके साथ दो जीव विज्ञानियों कर्मियों महतो तथा एस टी पी एफ जवानों की ड्यूटी लगाई गई,, ग्रामवासियों को लगातार सतर्क रहने व सावधानियां बरतने हेतु जागरूक किया जाता रहा,, क्षेत्रों में लगभग तीन दर्जन कैमरा ट्रैम्प लगाकर बाघ बाघिन के मूवमेंट की जानकारी भी ली जाने लगी, संभावित आवागमन स्थलों में से कतिपय चिन्हित स्थलों पर 5 पिंजड़े लगाए गए जिनका समय-समय पर आवश्यकतानुसार स्थान परिवर्तन भी किया जाता रहा हाथियों की संख्या बढ़ाकर चार कर दी गई और चिकित्सकों की संख्या भी बढ़ाकर चार कर दी गई, चार रेंजो के वनकर्मी मिशन मोड के अभियान में लगातार लगे हैं, वह अपना योगदान दे रहे हैं। गैर सरकारी संगठन विश्व प्रकृति निधि भारत व डब्ल्यू टी आई का सहयोग भी लिया जा रहा है,, इसी बाद और दो घटनाएं घटित हुई जिनमें 23 और 27 जून को एक किशोर व एक महिला की मृत्यु भी हुई है।दिनांक 28 जून 2022 को प्रातः काल 3:00 बजे पहली सफलता मिली जब एक बाघ पिंजड़े में कैद हो गया प्रश्नगत बाघ पूरी तरह स्वस्थ पाया गया, उसके चारों कैनाइन व नाखून सुरक्षित पाए गए जिस कारण से इसे संघर्षशील परभक्षी माना जाना उपयुक्त नहीं समझा गया है फिर भी  इसकी कैद हो गई,, परीक्षन में प्रश्नगत बाघिन के बाई और के दोनों कैनाइन आंशिक रूप से टूटे व घिसे हुए पाए गए टाइगर के फोटो डाटाबेस में उपलब्ध तस्वीरों के विश्लेषण के आधार पर उसकी उम्र 9 वर्ष के आसपास होनी चाहिए,, प्रश्नगत बाघिन की स्थिति एवं उम्र के दृष्टिगत यह माने जाने का पर्याप्त आधार है कि हाल में हुई समस्त घटनाओं हेतु उक्त बाघिन जिम्मेदार है। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण द्वारा निर्धारित मानक के अनुसार उक्त बाघिन को चिड़ियाघर में छोड़े जाने हेतु निर्णय उच्च स्तर से लिया जाएगा। अभियान अभी जारी है एवं लगातार कैमरा traimpo के माध्यम से अनुसरण किया जाता रहेगा  पूरी तरह से आश्वस्त होने पर ही अभियान पर विराम लगेगा। ग्रामवासियों को जागरूक रखने के प्रयास किए जा रहे हैं। कार्यक्रम में प्रभागीय वन अधिकारी आकाशदीप बधावन,संजय शुक्ला मुख्य वन संरक्षक एवं फील्ड डायरेक्टर दुधवा टाइगर रिजर्व लखीमपुर खीरी, अमितसिंह उपप्रभागीय वन अधिकारी गिरिजापुरी, राजेश गोपाल जीटीएफ, सुंदरेश उपनिरीक्षक बफर जोन दुधवा टाइगर रिजर्व, कतर्नियाघाट वन्य संबंधित सभी क्षेत्राधिकारी, वनदरोगा, वनकर्मियों के साथ संभ्रांत गणमान्यव्यक्ति व जनप्रतिनिधि तथा काफी संख्या में मीडिया बंधु उपस्थित रहे।
🖋 रिपोर्ट अरुण कुमार 

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