जैसा कि आप सभी लोगों को पता है कि मैं पिछले कई महीनो से पत्रकारिता के क्षेत्र में निष्क्रिय रहा हूं लेकिन कल अचानक मेरी नजर इस आंदोलन (धरना)पर पड़ी तो हमने इस आंदोलन के बारे में जानना चाहा जानकारी करने पर पता चला कि यह जो किसान संगठन है यह हमारे ही ब्लॉक पयागपुर का है और सबसे बड़ी बात इसमें यह थी कि इसमें हमारे गांव के लोगों की भी सहभागिता थी जिससे यह आंदोलन एक मीडिया कवरेज ना होकर एक व्यक्तिगत जुड़ाव का हिस्सा बन गया ऐसा पहली बार हुआ था जब किसी आंदोलन(धरना ) की मीडिया कवरेज करते समय हमने अपने गांव के लोगों को उस आंदोलन (धरना) में सहभागिता करते हुए देखा था फिर क्या था अब हमारी मजबूरी हो गई इस आंदोलन को शुरू से लेकर इसके अंतिम पड़ाव तक जाकर इसकी पूरी कवरेज करने की और हमने 12:00 बजे से लेकर शाम 4:30 बजे तक इस आंदोलन(धरने )में अपने आप को सक्रिय रखा और इसकी पूरी कवरेज की जब तक की इस किसान संगठन की पांच सूत्रीय मांग का ज्ञापन पत्र बहराइच के अपर जिलाधिकारी महोदय को सौंप नहीं दिया तब तक
कहने को तो हमारा गांव है
लेकिन हमारा गांव ही हमारा परिवार है
और हमारा परिवार ही हमारा गांव है
इस तरह से एक किसान संगठन का आम सा धरना हमारे लिए खास बन गया
0 Comments